well , it was rainy season yesterday night and i was watching " Umrao-Jan (old one )" !! While watching that movie some one inside told me that i could also contribute some 'Sher' ! some "Dil-Se" are written below !
1)चांदी के चंद टुकड़े ,,, उस जूनून को मिटा नहीं पाएंगे
उस जूनून की खातिर इस दुनिया को कोडी के भाव बेचते है
2)इस दिल में मचे बवंडर को हम समझ नहीं पाते है
लक्ष्य सामने है पर फिर भी निशाना साध नहीं पाते है
Dedicated to Her( Hope, she will be reading this one )
1)उनके लिए अपनी बेरुखी को ये दिल समझ नहीं पता है
कभी उनकी एक मुस्कान के लिए जान देने वाला मुनमुन
आज उन्हें प्यार क्यूँ नहीं कर पता है ?
2)इस बेकदर जिगर पर कुछ तो रहमत बरपा ए खुदा
कभी तो हमें भी उनके प्यार के लिए तडपा ए खुदा
3)हमारी इस रुसवाई पर कम से कम वो रो तो पाते हैं
यहा तो दिल रोता है फिर भी होठों से मुस्कान बरपाते हैं
4)इन आँखों का क्या फायदा जब उनके रोने पर भी इनसे पानी ही नहीं गिरता?
इस दिल का क्या फायदा जब उनके दुखी होने पर भी ये दुखी ही नहीं होता ?
p.s: comments are highly appreciated but are accepted only in form of "Dil-Se" !
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